Stop Loss तब एक्टिवटे होता है जब एसेट का प्राइस एक निर्दिष्ट लेवल तक गिर जाता है, जिससे आपका नुक्सान लिमिटेड रहता है। वहीँ Trailing Stop Loss प्राइस के बढ़ने के साथ स्टॉप लेवल को भी ऊपर शिफ्ट करता है, जिससे आप ज़्यादा प्रॉफिट लॉक कर सकते हो और अचानक प्राइस ड्राप से भी बचे रहते हो।